उत्तर प्रदेश सरकार ने मौसमी बीमारी की रोकथाम के लिए एक अक्टूबर से विशेष अभियान शुरू करने की घोषणा की है. एक सरकारी प्रवक्ता ने कहा, छात्रों को पूरी बांह के कपड़े पहनकर स्कूल आने के लिए प्रोत्साहित किया जा रहा है और स्कूल परिसर की सफाई और जलभराव की रोकथाम के लिए विशेष अभियान चलाए जा रहे हैं। केवल प्रतिनिधित्व के लिए (एचटी फाइल फोटो) यह अभियान सरकारी स्कूलों में चलाया जाएगा, साथ ही अभिभावकों को जागरूक करने के लिए पंचायत स्तर पर भी विशेष प्रयास किए जा रहे हैं. राज्य सरकार ने यह कदम अत्यधिक बारिश के कारण जलजमाव के कारण बीमारियां फैलने की आशंका को देखते हुए उठाया है. ऐसे में डेंगू, मलेरिया और अन्य मौसमी बीमारियों का खतरा बढ़ सकता है। इसे ध्यान में रखते हुए योगी सरकार ने परिषदीय स्कूलों में बच्चों को इन बीमारियों से बचाने के लिए विशेष कदम उठाए हैं. मौसमी बीमारी से बचाव के लिए उठाए जा रहे कदम योगी सरकार में बेसिक शिक्षा राज्य मंत्री संदीप सिंह ने छात्रों को इन बीमारियों से बचाने के लिए कई कदमों की घोषणा की. किसी भी बच्चे में बुखार या सिरदर्द के लक्षण दिखने पर तत्काल चिकित्सा सहायता उपलब्ध कराने के निर्देश भी दिए गए हैं। राज्य सरकार ने सभी खंड शिक्षा अधिकारियों और प्रधानाध्यापकों को निर्देश दिया है कि स्कूल परिसर में जलजमाव होने पर तुरंत जल निकासी की व्यवस्था करें और मच्छर रोधी दवाओं का छिड़काव करें. मंत्री सिंह के निर्देशन में विद्यालय परिसर में फॉगिंग एवं साफ-सफाई की विशेष व्यवस्था की गयी है. स्कूल के गमलों, टायरों और बोतलों में पानी जमा न हो इसके लिए भी विशेष तैयारी की गई है। शिक्षक-अभिभावक जागरूकता अभियान स्कूल प्रबंधन समितियों और शिक्षक-अभिभावक बैठकों के माध्यम से अभिभावकों को डेंगू और अन्य बीमारियों के खतरों के बारे में जागरूक किया जा रहा है। उन्हें यह भी समझाया जा रहा है कि बच्चों को पूरी बांह के कपड़े पहनाकर स्कूल भेजना जरूरी है। सामुदायिक सहयोग पर जोर पंचायत, आशा कार्यकर्ताओं, आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं और अन्य सामाजिक संगठनों की मदद से अभिभावकों को जागरूक किया जा रहा है। पंचायत स्तर पर बैठकें आयोजित कर अभिभावकों विशेषकर माताओं को इन प्रयासों में सहयोग के लिए प्रेरित किया जायेगा।
यूपी के सरकारी स्कूलों में मौसमी बीमारी से बचाव के लिए अभियान आज से शुरू
